उत्तराखंड में अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर देने पर विवाद खड़ा हो गया है। वहीं, इसकी भनक जैसे ही कांग्रेस को लगी तो मंत्री कौशिक पर तंज करने का दौर भी शुरू हो गया। इस प्रकरण में उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता निलेश आनंद भरणे ने बताया कि मामले में जांच कराई जाएगी। लेकिन, अभी तक यह मामला सिर्फ गलती का लग रहा है। हालांकि, जांच के बाद ही असल बात बताई जा सकती है। हालांकि, प्रथमदृष्टया मामला गलती का ही माना जा रहा है।
सोमवार सुबह करीब साढ़े दस बजे हेलीकॉप्टर से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक बागेश्वर के डिग्री कॉलेज के खेल मैदान में बनाए गए अस्थायी हेलीपैड पर उतरे। पिछली बार कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर दो अधिकारियों के तबादले से सहमी पुलिस भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को पूरा प्रोटोकॉल देने की मंशा से पहले से मुस्तैद थी। पुलिस की टुकड़ी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को गार्ड ऑफ आर्नर दिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी भूल गए कि अब वह मंत्री नहीं हैं। उन्होंने सहर्ष गार्ड ऑफ ऑनर स्वीकार किया। कुछ ही देर बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कौशिक के फेसबुक अकाउंट में बागेश्वर के दौरे के दौरान स्वागत की तस्वीर साझा की। पोस्ट में चार फोटो थीं, जिसमें एक फोटो गार्ड ऑफ ऑनर की भी थी। एक अन्य फोटो में प्रदेश अध्यक्ष सरकारी हेलीकॉप्टर से उतरते हुए दिखाई दे रहे थे। सोशल मीडिया फोटो वायरल हुई तो गार्ड ऑफ ऑनर वाली फोटो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की पोस्ट से हटा दी गई।
कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के गार्ड ऑफ ऑनर लेने की निंदा करते हुए कहा कि कौशिक अब भी सत्ता का मोह नहीं त्याग पाए हैं। दोनों नेताओं ने गार्ड ऑफ ऑनर लेने के मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कौशिक को गार्ड ऑफ ऑनर दिलाने के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पक्ष लेने की कोशिश की गई लेकिन नहीं मिल पाया। बताया जा रहा है कि जिस हेलीकॉप्टर में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बागेश्वर पहुंचे वह प्रदेश सरकार का था। इस पर भी बवाल मचा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व जिपं अध्यक्ष हरीश ऐठानी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व ब्लॉक प्रमुख राजेंद्र टंगड़िया, यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष कवि जोशी ने इसे सरकारी धन का खुला दुरुपयोग बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री, मंत्री, राज्यपाल और वरिष्ठ नौकरशाहों के अलावा कोई भी राज्य सरकार के हेलीकॉप्टर का उपयोग नहीं कर सकता। भाजपा सरकारी संपत्ति का पार्टी की संपत्तियों की तरह इस्तेमाल कर रही है। प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से हेलीकॉप्टर का किराया वसूला जाना चाहिए। हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने वाली सरकार के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।