देहरादून- मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को सचिवालय में कोविड-19 के संक्रमण तथा बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग एवं जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की। Cm ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड में होम-आइसोलेशन हेतु निर्देश देते हुए कहा कि डाॅक्टर की टीम जांच एवं मानकों के हिसाब से ही होम-आइसोलेशन की व्यवस्था की जाय। अगर लक्षण ज्यादा है तो होम-आइसोलेशन के बजाय अस्पताल एवं कोविड केयर सेंटर को प्राथमिकता दी जाय।
भारत में कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से अब बहुत से मामले ऐसे भी आ रहे हैं कि संक्रमित लोगों में कोरोना वायरस बीमारी के लक्षण बहुत कम हैं, या नहीं के बराबर हैं.ऐसे लोगों के लिए भी केंद्र सरकार की सलाह यह है कि उन्हें होम आइसोलेशन में रहना चाहिए. अगर इस तरह के कोरोनावायरस मरीज परिवार और समाज से दूर रहने में सफल होते हैं तो वह कोरोना को फैलने से रोक सकते हैं. केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह सलाह दी है. इसके लिए नए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है कि अगर हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीज के पास घर में रहने और आराम करने की बेहतर सुविधा है, तो वह होम आइसोलेशन का पालन कर सकते हैं.
इसके लिए निर्देश इस तरह हैं:
अगर डॉक्टर ने किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण की संख्या काफी कम बताई है, तो वह होम आइसोलेशन कर सकता है.
घर पर आइसोलेशन की सुविधा होनी चाहिए, साथ में रहने घर वालों के लिए भी अलग रहने की सुविधा होनी चाहिए.
24 घंटे के लिए एक सहायक साथ में होना चाहिए, जो लगातार अस्पताल के संपर्क में रहे.
कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले, साथ में रहने वाले व्यक्ति को डॉक्टर की सलाह के अनुसार हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन लेनी चाहिए.
आरोग्य सेतु ऐप को अपने फोन में डाउनलोड करें.
संक्रमित व्यक्ति को लगातार अस्पताल और जिला के मेडिकल अधिकारी को अपनी सेहत की जानकारी देनी होगी.
सेल्फ आइसोलेशन के लिए दिया गया फॉर्म भरना जरूरी है.