देहरादून। उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने प्रमोशन के बाद दुर्गम में सेवाओं देने से बचने वाले कर्मचारियों के लिए नियमावली बना दी है जिसे उत्तराखंड कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। नियमावली के तहत विभागों में होने वाली पदोन्नति को लेकर उत्तराखंड सरकार ने कई कड़े नियम बना दिए है,जिसके तहत प्रमोशन मिलने पर दुर्गम में सेवा देने से बचने वाले कर्मचारियों की मनमानी पर लगाम लग पाएगी । जी हां उत्तराखंड में एक परम्परा सी बनती जा रही थी,जिसके तहत पदोन्नति होने पर कर्मचारी दुर्गम में सेवा से बचने के लिए प्रमोशन तक का त्याग कर देते थे,लेकिन अब सरकार ने नियमावली बना दी है । जिसके तहत प्रमोशन मिलने के लिए बनाई गई forgo नियमावली
के तहत 15 दिन के भीतर पदोन्नत पद ग्रहण करना होगा और यदि कोई कर्मचारी ऐसा नही करता है,तो फिर उसे लिखित में जवाब नियुक्ति अधिकारी को देना होगा कि वह प्रमोशन क्यों नहीं ले रहा है, नियमावली के तहत अब यदि कोई प्रमोशन का लाभ नही लेना चाहता है तो उसे नीचे वाले कर्मचारी को प्रमोशन के हकदार होगा । बताया जा रहा है कि दो बार यदि कोई प्रमोशन छोड़ता है तो वह फिर आगे प्रमोशन का हकदार नही होगा।
शिक्षा विभाग को मिलेगी निजात
प्रमोशन के तहत त्रिवेंद्र सरकार ने जो नियमावली बनाई है,उससे शिक्षा विभाग को सबसे ज्यादा राहत मिलने वाली है, क्योंकि सबसे ज्यादा कर्मचारियों वाला विभाग शिक्षा विभाग ही है और सबसे ज्यादा प्रमोशन भी शिक्षकों की ही होते हैं। ऐसे में कई शिक्षक सुगम में ही डटे होते हैं,और वह दुर्गम में सेवाओं को देने से बचने के लिए प्रमोशन नहीं लेते हैं । लेकिन जब भी प्रमोशन की लिस्ट आती है उनका नाम हमेशा सबसे ऊपर होता है । ऐसे में सरकार के द्वारा जो नियमावली बनाई गई है। उसमें प्रमोशन न लेने पर प्रमोशन त्यागने वाले कर्मचारी की वरिष्ठता भी चली जाएगी साथ ही वह प्रमोशन का हकदार नहीं होगा । इसलिए शिक्षा विभाग में ऐसे शिक्षकों के मंसूबे पर पानी फिरने वाला है । जो सुगम के स्कूलों में इसी वजह से डटे होते हैं कि वह प्रमोशन का त्याग हर बार कर देते हैं । लेकिन अब ऐसे शिक्षकों की मनमानी ज्यादा नहीं चलने वाली है। प्राथमिक शिक्षक संगठन के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौहान का कहना है कि सरकार ने जो फैसला लिया है उसके लिए वह सरकार का आभार व्यक्त करते है।