देहरादून: प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज के दिशा-निर्देश में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड द्वारा प्रदेश के लोगों के लिए चार धाम यात्रा का 1 जुलाई से शुभारंभ हुआ जबकि 25 जुलाई से कुछ प्रावधानों के साथ चार धाम यात्रा सभी के लिए शुरू हुई। ज्ञातब्य है कि प्रदेश के मुख्य सचिव ओमप्रकाश एवं पर्यटन- सचिव दिलीप जावलकर ने चारधाम यात्रा को सुचारू किये जाने हेतु सरकार के निर्णयों का बेहतर कार्यान्वयन किया है। विधायक बदरीनाथ /देवस्थानम् बोर्ड के सदस्य महेन्द्र प्रसाद भट्ट एवं विधायक गंगोत्री/सदस्य देवस्थानम बोर्ड गोपाल सिंह रावत, यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत तथा चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिवप्रसाद ममगाईं ने
देवस्थानम बोर्ड द्वारा चार धाम यात्रा संचालन को सफल बताया है।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों देवस्थानम बोर्ड द्वारा चार धाम तीर्थयात्रा हेतु उत्तराखंड से बाहर के तीर्थ यात्री 72 घंटे पूर्व की इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से प्रमाणित लैब से कोरोना जांच की नैगेटिव रिपोर्ट अथवा क्वारंटीन अवधि का प्रमाण के मानक को समाप्त कर दिया गया है। अब स्वास्थ्य मानको का पालन कर देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट से देश के अन्य प्रांतों के लोग आसानी से चारधाम यात्रा ई पास बना रहे है। आज 4 नवंबर को उत्तराखंड देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट www.badrinath-kedarnath.gov. in से 2159 लोगों ने चार धामों हेतु ई -पास बुक कराये हैं।
जिसमें श्री बदरीनाथ धाम के लिए 604 श्री केदारनाथ धाम के लिए 1284 श्री गंगोत्री धाम हेतु 153 श्री यमुनोत्री धाम हेतु 118 लोगों ने ई पास बुक कराये है।
आयुक्त गढ़वाल/उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने यह जानकारी दी है कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा श्री यमुनोत्री धाम एवं गंगोत्री धाम में न्यासियों/ हकूकधारियों के सहयोग हेतु देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों/कर्मचारियों की तैनाती की है वर्तमान समय में देवस्थानम बोर्ड के यमुनोत्री धाम तथा गंगोत्री धाम जानेवाले तीर्थयात्रियों को यात्री सुविधाओं तथा सहायता-मार्गदर्शन किये जाने हेतु देवस्थानम बोर्ड कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है। इसी क्रम में जिला प्रशासन के सहयोग से यमुनोत्री धाम हेतु बड़कोट में तथा गंगोत्री धाम हेतु अग्रिम आदेशों तक देवस्थानम बोर्ड के कार्यालय खोले जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अधिनियम के तहत हक हकूकधारियों के सभी हित सुरक्षित हैं। शासन स्तर पर तीर्थ- पुरोहितों, हक-हकूकधारियों के संरक्षण हेतु नियमावली पर कार्य चल रहा है। श्री ईश्वानेश्वर मंदिर केदारनाथ, श्री भविष्य बदरी मंदिर तपोवन सुभाई, तृतीय केदार तुंगनाथ जी के जीर्णोद्धार हेतु दानी दाता आगे आये हैं।
कहा कि देवस्थानम द्वारा कुछ दिनों पहले प्रदेश से बाहर लोगों को कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट एवं क्वारंटीन की शर्तों को हटा दिया गया था जिससे ई पास की संख्या बढ़ी है। इसी के मद्देनजर चमोली, रूद्रप्रयाग एवं उत्तरकाशी जिलाधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर चारों धामों में अधिक तीर्थयात्रियों को आने की अनुमति दी गयी । इसी अनुसार तीर्थयात्रियों हेतु स्वास्थ्य,आवास,भोजन, परिवहन सहित आवश्यक सुविधाएं जुटायी गयी हैं।
अब यात्री ई पास हेतु कोरोना रिपोर्ट की जरूरत नहीं है। देवस्थानम् बोर्ड की वेबसाइट से ई -पास बनाकर सभी प्रदेशों के श्रद्धालुओं को कोरोना बचाव स्वास्थ्य मानकों के साथ चार धाम यात्रा की अनुमति है। चार धामों में तीर्थयात्रियों को मंदिरों में दर्शन हो रहे है जिसमें किसी तरह का कोई अवरोध नहीं है।
चारधाम यात्रा के अच्छे परिणाम आये हैं। कोरोना महामारी से बचाव एवं रोकथाम हेतु थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइजेशन के पश्चात ही मंदिरों में तीर्थ यात्रियों को प्रवेश दिया जा रहा है। मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है अभी मंदिरों में निर्धारित दूरी से देव दर्शन हो रहे हैं ताकि शोसियल डिस्टेंसिंग बनी रहे तथा कोरोना बचाव के मानकों का पालन हो सके। यात्रा मार्ग पर देवस्थानम बोर्ड के यात्री विश्राम गृहों को तीर्थ यात्रियों की सुविधा हेतु खोला जा चुका है।
आवास के अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं, जन सुविधाओं आदि की व्यवस्थायें चाकचौबंद की गयी है। चारधाम में अक्टूबर अंतिम सप्ताह से बर्फवारी शुरू हो गयी है तीर्थयात्रियों से अपेक्षा की जा रही है कि अति आवश्यक होने पर ही धामों में रूके। यह कोशिश रहे कि दर्शन के पश्चात तीर्थ यात्री निकटवर्ती स्टेशनों तक वापस आ जाये। मौसम तथा सड़कों की स्थिति की जानकारी रखें। सड़को की स्थिति अब सामान्य है। यात्रा मार्ग खुले हुए हैं। भूस्खलन से बाधित जानकीचट्टी-यमुनोत्री पैदल मार्ग को वेकल्पिक रूप से ठीक कर दिया गया है। अब यात्रा सुचारू हो गयी है।
प्रदेश सरकार का प्रयास है कि चारों धामों में धीरे-धीरे तीर्थ यात्रियों की आमद हो ताकि पर्यटन एवं तीर्थाटन को गति मिल सके। अब उत्तराखंड से बाहर के लोग भी बिना कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के चारधाम यात्रा हेतु ई पास बनाकर एवं स्वास्थ्य संबंधी मानक पूरे कर यात्रा कर सकते हैं। केवल कोरोना के लक्षणवाले लोगों के पाज़िटिव रिपोर्ट आने पर चारधाम यात्रा की अनुमति नहीं होगी जब तक कि उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव नहीं आ जाती। सामान्य जांच में कोरोना के लक्षण पाये जाने पर संबंधित जिला प्रशासन यात्री का कोविड-19 आरटी पीसीआर टेस्ट करवायेंगे। हेली काप्टर से आने वाले तीर्थयात्रियों को ई पास से छूट दी गयी है तथा हेली से दर्शन को पहुंचनेवाले तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य जांच हेतु संबंधित हेली कंपनियों को निर्देशित किया गया है। हैली सेवा से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री केदारनाथ धाम पहुंच रहे है। अभी तक बीस हजार से अधिक तीर्थयात्री हेली सेवा से केदारनाथ धाम पहुंचे हैं।
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा 1 जुलाई से 4 नवंबर शाम तक 255492 ई -पास जारी किये जा चुके हैं। ई पास तीर्थ यात्रियों को उनके द्वारा सुझाई गयी तिथियों हेतु जारी किये गये है। ई पास लेकर तीर्थयात्री दर्शन को पहुंच रहे हैं। दर्शनार्थियों की प्रतिदिन की संख्या बढायी दी गयी है जिससे अधिक तीर्थ यात्री चारधाम पहुंच रहे हैं।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि 4 नवंबर तक दो लाख 40 हजार से अधिक तीर्थ यात्री चार धाम दर्शन हेतु पहुंच गये है। जिसमें 2 लाख 10 हजार तीर्थ यात्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ पहुंचे हैं। बदरीनाथ तथा केदारनाथ में बर्फवारी से मौसम सर्द हो गया है लेकिन चारधाम यात्रा सतत चल रही है।
इस यात्रा वर्ष श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर शायं 3 बजकर 35 मिनट, श्री केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर भैयादूज पर प्रात: 8बजकर 30 मिनट, श्री गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर अन्नकूट ( गोवर्धन पूजा) के अवसर पर दिन में 12.15 बजे, श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज 16 नवंबर दिन में 12.15 बजे शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।
द्वितीय केदारनाथ श्री मदहेश्वर के कपाट 19 नवंबर को प्रात: 7बजे तथा तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट आज 4 नवंबर को दिन में 11.30 बजे बंद हो गये हैं श्री तुंगनाथ जी की उत्सव मूर्ति आज चोपता पहुंची कल 5 नवंबर को भनकुंड तथा 6 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ पहुंचेगी। 7 नवंबर से मक्कूमठ में भगवान तुंगनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेंगी।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के पश्चात श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी पांडुकेश्वर में विराजमान होंगे। आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी जोशीमठ श्री नृसिंह मंदिर पहुंचेगी। इसी तरह केदारनाथ धाम तथा मद्महेश्वर जी के कपाट बंद होने पर बाबा की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। मां गंगोत्री की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास मुखवा तथा मां यमुना की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास खरसाली पहुंचती है।
तृतीय केदार तुंगनाथ जी की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ पहुंचेगी। शीतकालीन गद्दीस्थलों पर लगातार पूजायें संपन्न होती हैं।
इस बार श्री मद्महेश्वर मेला 22 नवंबर को आयोजित होगा।
पोर्टल प्रभारी संजय चमोली के अनुसार ई- पास के लिए श्रद्धालुओं द्वारा लगातार संपर्क किया जा रहा है तथा यात्रियों जी को उचित मार्गदर्शन किया जा रहा है। तीर्थयात्री ई पास द्वारा चार धामों के दर्शन हेतु पहुंच रहे है तथा तीर्थ यात्रियों को ई पास के माध्यम से बेहतर दर्शन हुए है।