देहरादून- उत्तराखंड सरकार एक तरफ जहां अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेकर अक्षम अयोग्य और कामना करने वाले कर्मचारियों को घर बैठा ने की तैयारी कर रही है वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड शिक्षा विभाग में एक चौंकाने वाला प्रकरण सामने आया जहां शिक्षा विभाग में भी एक तरफ जहां ऐसे कर्मचारियों को घर बैठाने की तैयारी की लिस्ट बन रही है जो अक्षम है वहीं दूसरी तरफ एक शिक्षक 1 साल से त्यागपत्र के लिए आवेदन कर चुका है लेकिन शिक्षा विभाग त्यागपत्र देने वाले शिक्षक रितेश वर्मा को रिटायरमेंट देने के मूड में नहीं है जी हां डेढ़ साल पहले समाजशास्त्र के प्रवक्ता रितेश वर्मा ने त्यागपत्र देने के लिए आवेदन किया था लेकिन डेढ़ साल में भी शिक्षा विभाग उनके त्यागपत्र को स्वीकार नहीं कर पाए जो कि शिक्षा विभाग में इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है आखिरकार शिक्षा विभाग के अधिकारी त्यागपत्र देने वाले शिक्षक को क्यों रिटायरमेंट नहीं दे रहे एक तरफ जहां सरकार ऐसे कर्मचारियों को घर बैठाने के लिए तैयारी कर चुकी है जो अच्छा मैं वहीं दूसरी तरफ जो कर्मचारी खुद त्यागपत्र देना चाहते हैं उन्हें क्यों शिक्षा विभाग रिटायरमेंट नहीं दे रहा है यह शिक्षा विभाग पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है
