देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरू हो गया। सत्र के पहले ही दिन सरकार ने 5440.43 करोड़ का अनुपूरक बजट भी पेश कर दिया है। उधर सत्र की शुरूआत ही हंगामेदार रही। सदन के बाहर से लेकर सदन के अंदर विपक्ष कानून व्यवस्था से लेकर विधायकों के सवालों पर संतुष्ट जवाब न मिलने से आक्रामक नजर आए। इसके साथ ही धामी सरकार ने प्रदेश में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर उत्तराखंड लोक सेवा (महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 सदन में पेश किया है।
उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र हंगामे के साथ शुरू हुआ। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह, भुवन कापड़ी, सुमित ह्रदयेश समेत कांग्रेसी विधायक सरकार पर हमलावर रहे। विपक्ष कानून व्यवस्था से जुड़े अंकिता हत्याकांड और केदार भंडारी प्रकरण के अलावा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षा घोटाले पर भी चर्चा की मांग करते दिखे। सत्र के पहले दिन सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर उत्तराखंड लोक सेवा(महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 सदन में पेश किया गया। 5440.43 करोड़ का अनुपूरक बजट भी सीएम धामी और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पेश किया।
भाजपा ने विधानसभा में पेश महिला आरक्षण विधेयक, धार्मिक स्वतंत्रता कानून को अधिक कड़ा करने वाले संसोधन विधेयक समेत सदन पटल पर रखे सभी विधेयकों का स्वागत किया है । पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने सीएम पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद करते हुए कहा कि मातृ शक्ति को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण, प्रदेश की आधी आबादी को उसका पूरा हक दिलाने वाला है । साथ ही उम्मीद जतायी कि जबरन धर्मान्तरण पर 10 साल की सजा ऐसे अपराधियों में कानून का खौफ पैदा करने का काम करेगी।
