उत्तराखंड राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी अपनी कार्यशैली को लेकर संगठन और सोशल मीडिया में अलग ही पहचाने जाते हैं. भाजपा राष्ट्रीय संगठन में उन्हें कुशल रणनीतिकार के तौर पर जाना जाता है. कई बार उन्होंने उत्तराखंड भाजपा की बड़ी – बड़ी परेशानियों का चुटकियों में हल निकाल दिया. भाजपा सरकार में मुख्यमंत्रियों से नाराजगी के चलते विधायकों के असंतोष को थामने में भी अनिल बलूनी कई बार कामयाब रहे. विधायक उमेश शर्मा काऊ हो या पूरन फर्त्याल हर किसी की नाराजगी को खत्म करने का काम अनिल बलूनी ने किया है. इसीलिए भाजपा राष्ट्रीय संगठन उन पर भरोसा भी करता है.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए इस बार भी सांसद अनिल बलूनी ने संकटमोचक का काम किया है . देहरादून की डोईवाला विधानसभा सीट पर सबसे मजबूत उम्मीदवारों में से एक सौरभ थपलियाल पार्टी द्वारा खुद को प्रत्याशी नहीं घोषित किए जाने से नाराज थे और उन्होंने डोईवाला सीट से निर्दलीय नामांकन दाखिल किया जिसके बाद उत्तराखंड भाजपा में हलचल तेज थी क्योंकि सौरभ थपलियाल पूर्व में भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और युवाओं में मजबूत पकड़ रखते हैं ऐसे में सौरभ थपलियाल को समझा कर उनका नामांकन वापस कर आना बड़ी चुनौती थी.
राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी रविवार को देहरादून पहुंचे थे जहां उन्होंने उत्तराखंड भाजपा के विधानसभा चुनाव के लिए थीम सॉन्ग को प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी के साथ लांच किया . जिसके बाद अनिल बलूनी बागियों की नाराजगी को खत्म करने के मिशन में जुट गए. देहरादून के एक निजी होटल सांसद बलूनी ने सौरभ थपलियाल से मुलाकात की और पार्टी के प्रत्याशी के साथ खड़े होने और संगठन को मजबूत करने के लिए कहा अनिल बलूनी के समझाने पर सौरव थपलियाल ने अपना नामांकन भी वापस लिया. सौरभ थपलियाल को अनिल बलूनी अपने साथ प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी से मिलाने भी ले गए जहां सौरभ थपलियाल की नाराजगी खत्म हुई.
सौरभ थपलियाल ही नहीं बल्कि प्रदेश की कई सीटों पर अनिल बलूनी नाराज नेताओं को मनाने में कामयाब हुए हैं . पौड़ी सीट से वर्तमान विधायक मुकेश कोली हो या फिर किच्छा सीट से अजय तिवारी सभी को अनिल बलूनी भाजपा के साथ लाने में कामयाब रहे हैं.