सीनियर छात्रों के बीच हुए अपमान का बदला लेने के लिए आदित्य ने वंशिका को गोली मारकर हत्या की. गुरुवार शाम डांडा लखौंड स्थित सिद्धार्था कॉलेज के बाहर छात्रा की हत्या मामले का शुक्रवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया. आरोपी का छात्रा से कई दिनों से विवाद चल रहा था.
छात्रा ने सीनियर छात्र बुलाकर उसकी पिटाई कराई. इस दौरान आरोपी को वंशिका के पैर छूने पड़े थे. यह अपमान आदित्य को इतना नागवार गुजरा कि वह घर से तमंचा लेकर गया और वंशिका पर गोली चला दी. शुक्रवार को डीआईजी देहरादून जन्मेजय खंडूरी ने प्रेस वार्ता कर आरोपी की गिरफ्तारी की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार हत्या का आरोपी आदित्य तोमर निवासी ईश्वर विहार सुन्दरवाला मूल निवासी उनखेड़की, थाना उन जिला शामली, यूपी और मृतका वंशिका (19) गुरुकुल कांगड़ी, द्वारिका विहार, कनखल जिला हरिद्वार सिद्धार्था लॉ कॉलेज से डी फार्मा प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे थे.
दोनों के पास एक दूसरे का नंबर था. उस पर मैसेज भी होते थे. एक महीने पहले वंशिका ने सोशल मीडिया पर अपनी एक फोटो डाली गई थी. आरोप है कि उस पर आदित्य ने कुछ ऐसा कमेंट किया कि जिस पर वंशिका को आपत्ति हुई. वंशिका से उसकी कहासुनी भी हुई. इस कमेंट की सीनियर छात्रों ने स्कूल प्रबंधन से शिकायत की. स्कूल प्रबंधन ने छात्रा के पिरजनों को इस बारे में बताया. इसके बाद कॉलेज बंद हो गया. गुरुवार कॉ दोबारा कॉलेज खुला तो शाम को उसका सामना वंशिका से हो गया. फिर दोनों में कहासुनी हो गई. वंशिका ने अपने परिचित सीनियर छात्रों को बुला लिया.
आरोप है कि इस दौरान उन्होंने आदित्य को डराया और मारते हुए वंशिका के पैर छुआए. वंशिका के सामने झुकना आदित्य के अहम को ठेस दे गया. वह वहां से घर गया और तमंचा लेकर आया. तब वंशिका स्कूल के पास कैफे से कुछ सामान लेने आई थी. इस दौरान ही उसने पहले धमकी दी कि अब अपने साथियों को बुला. वह काफी देर तक नहीं आए तो वंशिका की गोली माकर हत्या की. भागते हुए बाइक और तमंचा छोड़कर फरार हो गया. आरोपी को पुलिस ने शुक्रवार को आर्मी हॉस्टल के नजदीक शिवगंगा एक्लेव के पास से पुलिस ने आरोपी गिरफ्तार किया. पूछताछ के बाद उसे कोर्ट में पेश किया. वहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया.
परिजन छात्रा का शव ले गए हरिद्वार- शुक्रवार सुबह वंशिका के शव का कोरोनेशन अस्पताल स्थित पीएम हाउस में पोस्टमार्टम हुआ. इसके बाद पुलिस ने छात्रा शव उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया. वह शव लेकर हरिद्वार के लिए रवाना हो गए.


