प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी द्वारा विधानसभा स्थित कक्ष में उत्तराखण्ड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड की 35वीं बैठक की अध्यक्षता की गई। मंत्री ने कहा कि पूर्व में किसानों को कृषि कार्य करते हुए दुर्घटना होने पर मिलने वाले मुआवजा राशि एक लाख रूपये को बढ़ाकर अब डेढ़ लाख रूपये, दुर्घटना से अगर दो या एक हाथ, पैर से दिव्यांग होने पर किसानों को पूर्व में मिलने वाली राशि 60 हजार रूपये को एक लाख रूपये, एक अंग से दिव्यांग होने पर मिलने वाली राशि 30 हजार रूपये को 50 हजार रूपये कर दिया गया है।
मंत्री ने कहा कि किसानों के बच्चे कृषि के क्षेत्र में अच्छी पढ़ाई कर पायें इस संबंध में योजना की आय सीमा 02 लाख रूपये को बढ़ाकर 03 लाख रूपये प्रति वर्ष कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत दुर्घटना की पात्रता 18-60 वर्ष को भी समाप्त कर दिया गया है अब कृषि कार्य करते हुए दुर्घटना होने पर किसान को मुआवजा राशि दी जायेगी।
मंत्री ने कहा कि आज प्रदेश की मंडियां प्रोफिट में हैं और मंडियों के माध्यम से किये जाने वाले विकास कार्यों तथा किसानों के लिए हितकारी योजनाओं हेतु बोर्ड के पास पर्याप्त बजट है। उन्होंने कहा कि रामनगर में 25 दुकानों के निर्माण हेतु प्रस्ताव के लिए सेल्फ फाइनेन्स पर सहमति प्रदान की गई।
मंत्री ने लोकल उत्पाद जैसे मडुवा आदि की खेती को प्रोत्साहित करने तथा लोकल उत्पादन को बढ़ाने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों के हित में इस प्रकार की नीतियां बनायी जानी चाहिए जिससे किसानों को लगे कि सरकार हमारे लोकल उत्पादों को उचित दामों पर खरीदे।
इस अवसर पर प्रबन्ध निदेशक निधि यादव, निदेशक कृषि केसी पाठक, संयुक्त आयुक्त खाद्य डॉ महेंद्र सिंह बिसेन, विभागीय अधिकारी तथा उत्तराखण्ड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड के सदस्य उपस्थित रहे।